काश की ये बात वक्त रहते समझ लेती,अब पछताना क्या जब चिड़ीया चुग गई खेत। काश की ये बात वक्त रहते समझ लेती,अब पछताना क्या जब चिड़ीया चुग गई खेत।
वो अस्सी साल की आंखें आज भी बेहद खूबसूरत लग रही थी। वो अस्सी साल की आंखें आज भी बेहद खूबसूरत लग रही थी।
अब मैंने उससे पैसे मांगना छोड़ जो दिया है। अब मैंने उससे पैसे मांगना छोड़ जो दिया है।
उसका स्वाद सा आ गया बस वो समय याद करके। उसका स्वाद सा आ गया बस वो समय याद करके।
चन्द्रशेखर आजाद एक सचचे देशभक्त है। चन्द्रशेखर आजाद एक सचचे देशभक्त है।
झट से कहती आचार्य जी लोग आये हैं क्या झट से कहती आचार्य जी लोग आये हैं क्या